Tuesday, October 12, 2010

तेरे नाम...

मत भेज कोई पैगाम, हम इंतजार में जी लेंगे
तेरे दिए ज़ख्म हंसकर सह लेंगे
जहां तेरी जुदाई सही है, वहां ये गम भी सह लेंगे
अब तो आदत सी हो गई है तेरी याद में तड़पने की
दिल में लगी है आग, बस तुझे एक बार देखने की
तेरी खूबसुरती का दिदार चाहता हूं, मैं उम्र भर तेरा प्यार चाहता हूं
तेरे सपनों में खोया हुआ हूं, तेरी याद में खोया हुआ हूं
फिर से उसी खूबसूरत नजर से देख मुझे, या आकर कत्ल कर मुझे
आज भी याद है, वो पहली घड़ी जब तुने अपनी नजरों से मेरे दिल को छुआ था
उस वक्त मेरे दिल में प्यार का तूफान उठ खड़ा हुआ था
हर तरफ तू ही नजर आती है,तेरी खूबसूरती एक प्यास जगाती है
बस अब ओर क्या बयान करूं, एक तू कह कर तो देख
अपनी जान तुझ पर वार दूं.....

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